रोजाना संतुलित मात्रा में इनका सेवन करने से कई समस्याएं ठीक हो जाती हैं। गर्भावस्था के दौरान आलूबुखारा खाने से आपको कई फायदे मिलते हैं।
गर्भावस्था के दौरान कब्ज, पाचन में मदद करता है और हड्डियों को मजबूत करता है। गर्भावस्था के दौरान आलूबुखारा खाने के फायदे और कितनी मात्रा में खाना चाहिए। साथ ही प्लम में कैलोरी की मात्रा भी अधिक पाई जाती है, जिससे दिन भर एनर्जी बनी रहती है। गर्भावस्था के दौरान होने वाली कई समस्याओं को कम करने के लिए आप आलूबुखारा या प्रून का सेवन कर सकती हैं। प्रून में कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फोलेट होता है। गर्भावस्था का समय महिलाओं के लिए बहुत ही सुखद होता है। साथ ही लोग भोजन को लेकर भी बहुत सतर्क रहते हैं क्योंकि गर्भावस्था के दौरान बच्चे का विकास भोजन के माध्यम से ही होता है। यह विटामिन सी, विटामिन के और विटामिन ए का भी अच्छा स्रोत है।
प्रग्नेंसी में आलूबुखारा के फायदे
1. कब्ज में राहत
दरअसल, गर्भावस्था के दौरान आपका शरीर बच्चे के विकास के लिए अधिक एस्ट्रोजन का उत्पादन करता है। गर्भावस्था के दौरान विभिन्न हार्मोनल परिवर्तनों के कारण आंत में परेशानी होती है, जिसके कारण कब्ज या एसिडिटी की समस्या होती है। इससे पाचन क्रिया धीमी हो जाती है और कब्ज की समस्या उत्पन्न हो सकती है, लेकिन आलूबुखारे में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जिससे आपको कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है।
2. एनीमिया का खतरा कम करे
यह आयरन से भरपूर होता है। बेर के सेवन से गर्भवती महिलाओं को एनीमिया नहीं होता है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान आयरन की अधिक मात्रा में जरूरत होती है। साथ ही बच्चे के इम्यून सिस्टम और कमजोरी को दूर करने के लिए भी आयरन की जरूरत होती है। इससे हीमोग्लोबिन की कमी को भी दूर किया जा सकता है। आलूबुखारे के सेवन से इन सभी समस्याओं को कम किया जा सकता है।
3. हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे
इसमें भी आप प्लम का सेवन कर सकते हैं। इसमें पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिसकी मदद से यह हाई ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। प्लम में मौजूद बीटा-कैरोटीन और विटामिन ए बच्चे की आंखों और त्वचा के विकास के लिए बहुत फायदेमंद होता है। गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है।
4. जोड़ो के दर्द में आराम
बेर का सेवन करने से आपको जोड़ों के दर्द और सूजन में आराम मिलता है। इनमें जोड़ों का दर्द और ऐंठन महिलाओं को ज्यादा परेशान करता है क्योंकि इससे उनका चलना-फिरना और बैठना मुश्किल हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई तरह के दर्द होते हैं।
5. मतली या उल्टी की समस्या में राहत
आलूबुखारा के सेवन से सूजन, पेट फूलना और डायरिया जैसी समस्याओं में आराम मिलता है। यह गर्भावस्था के दौरान मतली या उल्टी की समस्या को रोकने में भी मदद करता है।
कितनी मात्रा में आलूबुखारा का सेवन करें
यह बच्चे के विकास के लिए भी कई तरह से फायदेमंद होता है। इससे आपको कई समस्याओं से राहत मिलती है। डायटीशियन अर्चना बत्रा के मुताबिक आप एक दिन में दो प्लम ले सकती हैं। प्रून प्रेग्नेंसी में सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद होता है।
आलूबुखारा का सेवन कैसे करें?
यह त्वचा की कई समस्याओं को भी दूर करता है। आप बेर का सेवन सुबह के समय ड्राई फ्रूट्स के रूप में कर सकते हैं। इसके अलावा आप इसे शाम के समय एक कप दूध के साथ भी खा सकते हैं। आप इसका सेवन अखरोट या बादाम के साथ भी कर सकते हैं। आप इसे पानी में भिगोकर भी खा सकते हैं। आप इसके फल या जूस का सेवन भी कर सकते हैं।
आलूबुखारा के नुकसान
अगर आपको गर्भावस्था के दौरान मधुमेह की समस्या है, तो आपको डॉक्टर की सलाह के बाद ही आलूबुखारा का सेवन करना चाहिए। साथ ही अगर आप किसी खास तरह की दवा का सेवन करते हैं तो बिना डॉक्टरी सलाह के उसका सेवन न करें। इसके अलावा इसमें ऑक्सालेट एसिड पाया जाता है, जिसके ज्यादा सेवन से आपको नुकसान भी हो सकता है। प्लम के कई फायदे होते हैं, लेकिन इनका अधिक मात्रा में सेवन करने से आपको कई नुकसान हो सकते हैं।
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